नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मेक इन इंडिया योजना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। खरगे ने 'मेक इन इंडिया' को 'डिलीवरी से ज़्यादा प्रचार' का क्लासिक उदाहरण बताया है। इसके साथ ही खरगे ने मोदी सरकार से 2 तीखे सवाल पूछे है।
इसको लेकर खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- मोदी सरकार का 'मेक इन इंडिया' डिलीवरी से ज़्यादा प्रचार को महत्व देने का क्लासिक उदाहरण है।
अपने 2014 के घोषणापत्र में, भाजपा ने भारत को "वैश्विक विनिर्माण केंद्र" बनाने के लिए 10 वादे किए थे, जिनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ।
विनिर्माण में रोज़गार और सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में भारी गिरावट के साथ स्थिति और भी बदतर हो गई है।
सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जा रहा है। एमएसएमई को नुकसान हो रहा है। नौकरशाही की बाधाएँ रोज़मर्रा की बात हैं। भारतीय उद्यमी भारत को प्राथमिकता देने के बजाय विदेश जा रहे हैं और वहाँ कंपनियाँ स्थापित कर रहे हैं। निर्यात में गिरावट जारी है।
2 तीखे सवाल
1⃣ क्या मोदी सरकार ने 1.97 लाख करोड़ रुपये की बहुप्रचारित पीएलआई योजना के पहले चरण को बंद कर दिया है, जबकि 14 में से 12 पहचाने गए क्षेत्र विफल हो गए हैं?
2⃣ मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के कुल निर्यात में वस्तुओं की हिस्सेदारी कम से कम 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर क्यों आ गई है?
यह एक तथ्य है कि कांग्रेस-यूपीए के कार्यकाल में भारतीय इतिहास में यह सबसे तेजी से बढ़ा है।
शायद, मोदी जी को अब एहसास हो गया होगा कि असली आत्मनिर्भर भारत कांग्रेस के कार्यकाल में ही था!